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गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics

Tera satguru bharam mitaye re sakhi,bharam bhul me sowe,तेरा सतगुरु भरम मिटाए रे सखी,भरम भूल में सोवे से,guru bhajan

तेरा सतगुरु भरम मिटाए रे सखी,भरम भूल में सोवे से।

तेरा सतगुरु भरम मिटाए रे सखी,भरम भूल में सोवे से।

ये जीव बुलबुला पाणी से।तेरी दो दिन की जिंदगानी से। तूं इसे व्यर्थ गुमावे ये सखी,भरम भूल में सोवे से।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तेरा सतगुरु भरम मिटाए रे सखी,भरम भूल में सोवे से।

गुरू मंतर ह्रदय में धर ले। जाग लाग हरी नाम सुमर ले।भाव से पार लगावे है सखी,भरम भूल में सोवे से।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तेरा सतगुरु भरम मिटाए रे सखी,भरम भूल में सोवे से।

सारा दोष भजन से टल जा।गुरु दया से मुक्ति मिल जा।सच्चा ध्यान लगावे हे सखी,भरम भूल में सोवे से।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तेरा सतगुरु भरम मिटाए रे सखी,भरम भूल में सोवे से।

होगया चारों तरफ अंधेरा।कोई नही हिमाती तेरा।गुरु हरदम धोरे पावे हे सखी,भरम भूल में सोवे से।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तेरा सतगुरु भरम मिटाए रे सखी,भरम भूल में सोवे से।

किरसन लाल हरी गुण गाते।नजर मेहर सतगुरु बरसाते।तेरा जनम सफल होय जावे हे सखी,भरम भूल में सोवे से।🌺🌺🌺🌺🌺🌺तेरा सतगुरु भरम मिटाए रे सखी,भरम भूल में सोवे से।

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