चार बहु ये मेरे आगी, वे बोले माजी माजी।
Tag: Bahut naaj karte hai rahmat pe hum
किसी का मत करियो अपमान,
वक्त की हवा निराली है,
ओ कान्हा मेरे ओ कान्हा मेरे, तेरी राह निहारु पनघट पे,
बहुत नाज करते है रहमत पें हम,
सलामत रहे तेरी नजरे करम,
चार बहु ये मेरे आगी, वे बोले माजी माजी।
किसी का मत करियो अपमान,
वक्त की हवा निराली है,
ओ कान्हा मेरे ओ कान्हा मेरे, तेरी राह निहारु पनघट पे,
बहुत नाज करते है रहमत पें हम,
सलामत रहे तेरी नजरे करम,