दरवाजे आया कौन सखी यह तो बता दो।
Tag: Aaj mithila nagar nihal sakhiya
मीठा लागे भीलनी रा बोर,
ओ लक्ष्मण भैया,
मैं देखु जिस और सखी री,
सामने मेरे सांवरिया,
छिपते छिपाते आ गई रे कान्हा तेरी नगरिया।
मिल जाएं कृष्ण मुरार रे सखी ग्यारस कर लो।
मिठे लगे तेरे बेर भिलनी, मिठे लगे।
दिल में श्री राम बसे हैं,संग माता जानकी
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
तू राम भजन कर प्राणी, तेरी दो दिन की जिन्दगानी
आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया।।