शब्द संभाल के बोलिये, शब्द के हाँथ न पाँव रे।
Tag: Boliye re bhole baba boliye
नान्दीेये पे हो के सवार,
भोलाजी चले दुल्हा बनके,
छोटी सी झोपड़िया में होय न गुजारा। भोले कोठी बनवा दो,
भोले तेरे पर्वत पे कैसे छा रही छटा निराली है।
हम पे है तेरा उपकार,
ओ बाबा हम तो पले है,
तेरी छाव में,
कैलाश पर्वत पर जाकर रहूंगी।भोले को अपना बना के रहूंगी।
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
वो तो गौरा से प्यार कर बैठे।
हरि ओम हरि ओम बोल रे तोते। हरि के भजन में तू मार ले गोते।
भोले तेरी आई याद कि भोले आ जाना।
भोले बाबा से पार्वती रूठ गई रे, गजब भयो रामा जुलम भयो रे।
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