हरी ने हिये न धारा रे ,
Tag: aaj hari aaye vidur ghar
आना वीर हनुमान हमारे घर कीर्तन में।
तरेगा वही जिसके मन में हरी है, मन में हरी है,
तेरी रुनझुन रुनझुन होय श्याम की बाज रही पायलिया।
अब मन भज ले राधेश्याम,बुढ़ापा बैरी आवेगाे।
पिला दे हरि नाम की मस्ती,पीने वाले दाम ना
पूछे मंहगी हो या सस्ती
में तो पुरबियों पूरब देश रो मारी हेली ।
भरोसे हम तो बाबा के,
जो होगा देखा जाएगा
हमने आंगन नहीं बुहारा,कैसे आएंगे भगवान
मुझे कब से तेरा है इंतजार सांवरे। मेरे घर भी तो आजा मेरे यार सांवरे।
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