पिला दे हरि नाम की मस्ती,पीने वाले दाम ना
पूछे मंहगी हो या सस्ती,पिला दे हरि नाम……..
जाम से जाम पीने से क्या फायदा , रात भर का नशा है उतर जायेगा , मेरी गोविन्द की नजरों से पी करके देख, सारी जिंदगी नशे में गुजर जायेगी
थोडी सी ओर पिला दे…………
पिला दे हरि नाम………
इधर चिलमन से वो झांके उधर चिलमन से हम झांके।
लगा दो आग चिलमन को ना वो झांके ना हम झांके।
किसी के नाक में हीरा किसी कान में हीरा,
हमें हीरे से क्या मतलब मेरा तो श्याम है हीरा।
मेरा दिलदार है हीरा, थोडी सी ओर पिला दे……..
पिला दे हरि नाम ……….
ये जो हलका-हलका सरूर है सब तेरी नजर का
कसूर है,तूने जाम आँखो से पिला दिया मुझे एक शराबी बना दिया,हम पागल है पागल ही सही,
हम दिवाने हमें मत रोको ये दुनिया वाले क्या जाने।
हम इनसे मोहबत करते है थोडी सी ओर पिला दे…….
पिला दे हरि नाम…….
ये सारा पागलखाना है यहाँ पागल आते जाते है,
पागल पागल कहने वाले यहाँ पागल बन कर जाते है।
कोई पागल है धन दौलत का कोई पागल बाँके
बिहारी का। थोडी सी ओर पिला दे……...
पिला दे हरि नाम………..
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Pila de hari naam ki masti,pine wala dam na puche,पिला दे हरि नाम की मस्ती,पीने वाले दाम नापूछे मंहगी हो या सस्ती,krishna bhajan
पिला दे हरि नाम की मस्ती,पीने वाले दाम ना
पूछे मंहगी हो या सस्ती