फागण आयो रे, मस्तियाँ ल्यायो रे
Tag: aisi masti kaha milegi
फागुण की रुत ऐसी आई है,
खाटू में मस्ती छाई है,
पीला दे ओ साकी श्याम नाम की मस्ती,
फागुन की रुत ऐसी आई है खाटू में मस्ती छाई है
पिला दे सांवरिया,
अपने नाम की मस्ती,
श्याम की आखियो से मस्ती बरसे,
पी ले जरा तू जी ले जरा,
पिला दे हरि नाम की मस्ती,पीने वाले दाम ना
पूछे मंहगी हो या सस्ती
मस्ती में रंग मस्ताने हो गये,
जब से तुम संग लो लगाई में बड़ी मस्ती में हूँ ॥
मोर छड़ी थारे हाथा में, हीरो चमके माथा में।
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