मेरे उठे कलेजे पीड़ सखी, वृन्दावन जाउंगी।
Tag: Dekho vrindavan ki kunj galin me nachat nandkumar
कान्हा मेरे एकबार तो आ जाइयो,मधुवन की कुंज गलिन में।
मैं तो आई वृन्दावन धाम,
किशोरी तेरे चरनन में ।
वृन्दावन नाचे मोर, अजी मोर,
मैं मोर देखने जाऊँगी,
जब जाना जनकपुर राम हमारी गली होकर के जाना।
आ जाओ अब तो गिरधारी,
रास रचाने कुंजन में,
भोले बाबा आए ब्रज में,
वह तो घूमे गलीन गलीन में….
नवरात्रि आयी आओ,
चलो हम नाचे गाये,
जरा चल के अयोध्या जी में देखो,
राम सरयू नहाते मिलेंगे।।
जरा चल के वृन्दावन देखो ,
श्याम बंसी बजाते मिलेंगे ।
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