कान्हा मेरे एकबार तो आ जाइयो,मधुवन की कुंज गलिन में।
कोरी कोरी मटकी में दही रे जमायो।कान्हा एकबार तो खाय जाइयो,मधुवन की कुंज गलिन में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कान्हा मेरे एकबार तो आ जाइयो, मधुवन की कुंज गलिन में।
रोय रही है यशोदा मैया।कान्हा उनको हिर्दय लगाय जाइयो, मधुवन की कुंज गलिन में।🌺🌺कान्हा मेरे एकबार तो आ जाइयो, मधुवन की कुंज गलिन में।
गइया भी तड़पे बछड़ा भी तडपे।कान्हा मेरे एकबार तो चरा जाइयो,मधुवन की कुंज गलिन में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कान्हा मेरे एकबार तो आ जाइयो,मधुवन की कुंज गलिन में।
राह देख रही है सब सखियां।कान्हा एकबार रास रचाए जाइयो,मधुवन की कुंज गलिन में।कान्हा मेरे एकबार तो आ जाइयो,मधुवन की कुंज गलिन में।
सुध बुध खोए गई राधा की। रोए रोए के नैना सूखे।कान्हा एकबार दरस दिखाए जाइयो,मधुवन की कुंज गलिन में।🌺🌺🌺🌺कान्हा मेरे एकबार तो आ जाइयो,मधुवन की कुंज गलिन में।