जिंदगी है मौज में, मौज में जी मौज में,
Tag: Chandravansh me nandgaw me pragate nand Kumar
उमरिया बिताए देयी,राम नहीं जाना।
आधा है चंद्रमा रात आधी। रह न जाए मैया मुलाकात आधी मैया बात आधी।
राम और लक्ष्मण दशरथ के बेटे दोनों बण खंड जाय
हेजी कोई राम मिलै भगवान।
भोलीसी सुरत, माथेपे चंदा
देखो चमकता जाए
मन बस गयो नन्द किशोर,
अब जाना नहीं कही और,
मेरे ब्रज की माटी चंदन है,
गुणवान सभी कहते है,
मेरो नंद गांव ससुराल,अब डर काहे को।
मैया कर ले विश्राम जाई बन में।
जमुना किनारे मेरो गाँव,
साँवरे आ जइयो, आ जइयो,
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