चलावे तीर नज़र दे, जिगर तो पार हो जावे,
Tag: Are re man kar diya tune chala
आस लगी है, तेरे दर्शन की,लाज रखो मेरे असुवन की,
तोरा मन दर्पण कहलाए,
कान्हा तेरे रूप का तो दिया सा जले।दिया सा जले।गोवर्धन मैदान घाटी पहाड़ के तले।
मन बस गयो नन्द किशोर,
अब जाना नहीं कही और,
अरे रे मन कर दिया तूने चाला,
बगल में छुरी हाथ में माला।