अब कैसे होवे जग में जीवणो म्हारी हेली ,
लागा शब्द रा तीर ।
Tag: chahe sara jag
मैं ढूंढ चूका जग सारा,
पता ना कहीं तेरा मिला,
महे तो ढूंढ्यो जग सारो,
थां स्यूं कोई नहीं न्यारो,
तुम राम कहो या श्याम कहो दोनों ही जग में सुंदर है।
हे शिव शंभू करुणा सिंधु जग के पालनहार
काया ने सिंगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे।
राम भजो सिया राम जगत में राम भजो सिया राम।
हँस हँस मीठो जग में बोलणो रे,
हंसला फेर मिलाला नाय।
जग पालनहारी मात मेरी भवतारणी,
हम शरण तेरी आये है,
झुकाने को ये सर।।
You must be logged in to post a comment.