अपने गम की दास्तां कैसे करूँ बयां
तू सब कुछ है जानती, अंतर्यामी माँ,
Tag: Ham gayenge baja kar dhol maiya ke jagrate me
राम भजो सिया राम जगत में राम भजो सिया राम।
लक्ष्मी के पति जग के स्वामी शेष शैय्या पे लेटे मिलेंगे।
ओ मईया, बैठी है भंडारे खोल के,
भर लो झोलियां, जयकारे बोल के,
हँस हँस मीठो जग में बोलणो रे,
हंसला फेर मिलाला नाय।
काली काली अमावस की रात में,
काली निकली काल भैरव के साथ में।।
आज हमारे मन में अजब सी खुशियां है। करने बैठे कीर्तन सामने मैया है।
ओ मेरी प्यारी मैया कहते हैं शिव त्रिपुरारी।
कभी फुर्सत तो मैया आ जाओ
रुखा सूखा भोग लगा जाओ।
सिंह पे सवार होके आई मेरी मैया,रथ पे सवार होके आई है
You must be logged in to post a comment.