करके चले श्याम सोलह सिंगार। अरे नंदलाला नारी में बदल गए
Tag: Dharti se gagan tak dhundha re
मैं ढूंढ चूका जग सारा,
पता ना कहीं तेरा मिला,
चाहे पूछो धरा गगन से चाहे पूछो अग्नि पवन से,
मैंने ढूंढ लिया भगवान, मिला नहीं काही में
धरती माता नो वालो पेरू घाघरो,
में तो अमर चुनड़ी ओढू,
तेरा मेरा प्यार कभी छूटे न हरि जी।
मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,ये मैं जानू या वो जाने,
अमूवा की डाली हिंडो घाल्यों, जे कोई झूलन आय
धरती से गगन तक ढूंढा रे मेरा श्याम न जाने किधर गया।