जग घूमेया श्याम जैसा ना कोई,
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ठुमक ठुमक चली आये रही हो,
जगदम्बा हमारी,
अरे कटे री लगाई इतनी देर जगदंबे।अर्जी पे अर्जी में करा जगदंबे मारी माय।
सज रही मेरी अम्बे मैया, सुनहरी गोटे में ।
मैं ढूंढ चूका जग सारा,
पता ना कहीं तेरा मिला,
म्हारी जगदंबे ने घणा घणा ओलमा सा।
महे तो ढूंढ्यो जग सारो,
थां स्यूं कोई नहीं न्यारो,
तुम राम कहो या श्याम कहो दोनों ही जग में सुंदर है।
नदी किनारे नारियल है रे भाई,
नारियल है रे,
थाने सिमरा मैं बारमबार,
जगदम्बा म्हारी अरज सुनो,
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