चली रे चली रे भोलेनाथ की बारात।
Tag: aaye sajdhaj ke barati hai
सज गयी खाटू नगरी,
शोभा अपरम्पार है,
सज रही मेरी अम्बे मैया, सुनहरी गोटे में ।
करना है तो कोई पुण्य करम कर ,
लेना है तो ज्ञान ले।
सज धज के बैठी है माँ,
लागे सेठानी,
सज के चली राधा प्यारी अरे राधा प्यारी,
म्हारा खूब सज्या रे दीनानाथ,
म्हारा मन मोह लिया,
Shiv ji ki aayi hai barat,kah do mata rani se,
आएंगे प्रभु आएंगे। राम मेरे घर आएंगे,
सज रही तुलसा बीच अंगना में, मुरलीवाला बीहाने आया है।
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