बुढिया तन्नैं भी होणा हे, हे सुण चमक चुंदड़ी आली।
के चाले सै मटक मटक के,
एक दिन लेज्या काल झटक कै,
चलै ना जादू टोणा हे,सुण चमक चुंदड़ी आली।
बुढिया तन्नैं भी होणा हे, हे सुण चमक चुंदड़ी आली।
राम नाम का सुमिरण कर ले,
भव सागर तै पार उतर ले,
बेल धर्म की बोणा हे,सुण चमक चुंदड़ी आली।
जाण बुझ फसगी फंदे मैं
क्यूं लूटरी सै भा मंदे मैं,
बोझ बिराणा ढोणा हे,सुण चमक चुंदड़ी आली।
बुढिया तन्नैं भी होणा हे, हे सुण चमक चुंदड़ी आली।
करी नहीं तन्नैं भजन बंदगी,
न्यूंए खोदी वृथा जिंदगी,
बाकि रहग्या रोणा हे,सुण चमक चुंदड़ी आली।
बुढिया तन्नैं भी होणा हे, हे सुण चमक चुंदड़ी आली।
कृष्ण लाल बणै मत नुगरी,
गुरू बणाले होज्या सुगरी,
सेज सुरग की सोणा हे,सुण चमक चुंदड़ी आली।
बुढिया तन्नैं भी होणा हे, हे सुण चमक चुंदड़ी आली।