मुझे मिला अनोखा प्यार ब्रिज की गलियों में ।
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देखा अजब नजारा दरबार मैं कन्हैया,
,थाने बनड़ो बणायो रे,थारो होयो गजब श्रृंगार,
तेरी माया अजब निराली, बने श्याम भगत के हाली।
प्रभु ने अजब लिखी तकदीर।
खाटू वाले श्याम धणी,
तेरी अजब कहानी है,
आज हमारे मन में अजब सी खुशियां है। करने बैठे कीर्तन सामने मैया है।
जब से तुम संग लो लगाई में बड़ी मस्ती में हूँ ॥
अजब अनोखा करके श्रृंगार, होकर नंदी पर वो सवार,
ओ मैया गज़ब तेरा श्रृंगार