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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Hansa najar nahi aaya prem guru ant najar nahi aaya,हंसा नजर नहीं आया प्रेम गुरू,अंत नजर नहीं आया,nirgun bhajan

हंसा नजर नहीं आया प्रेम गुरू,
अंत नजर नहीं आया,

हंसा नजर नहीं आया प्रेम गुरू,
अंत नजर नहीं आया,
हंसा नजर नहीं आया प्रेम गुरु,
अंत नजर नहीं आया,
चोंच पांख बिन काया गुरू जी,
म्हारां हंस नजर नहीं आया।

बिना दीप एक देवळ देखियाँ ने,
देव नजर नहीं आया,
बिना दीप एक देवल देखियाँ ने,
देव नजर नहीं आया,
उन देवळ म्हारां सतगुरु बैठा,
वही वेद गुण गाया,
गुरूजी म्हारा हंसा नजर नहीं आया।
सतगुरु का हंसा नजर नहीं आया।

हंसा नजर नहीं आया प्रेम गुरू,
अंत नजर नहीं आया,
हंसा नजर नहीं आया प्रेम गुरु,
अंत नजर नहीं आया,
चोंच पांख बिन काया गुरू जी,
म्हारां हंस नजर नहीं आया।


बिना पाळ एक सरवर भरीया ने,
नीर नजर नहीं आया,
उण तीर म्हारां सतगुरु बैठा,
वही बैठकर न्हाया,
गुरूजी म्हारा हंसा नजर नहीं आया।

हंसा नजर नहीं आया प्रेम गुरू,
अंत नजर नहीं आया,
हंसा नजर नहीं आया प्रेम गुरु,
अंत नजर नहीं आया,
चोंच पांख बिन काया गुरू जी,
म्हारां हंस नजर नहीं आया।


म्हारां गुरू सा पाँचौ चेला,
पच्चीस जोगनी लाया,
मृत्यु लोक में भयो अचंभो,
बेटी बाप ने जाया,
गुरूजी म्हारा हंस नज़र नहीं आया
चोंच पांख बिन काया गुरू जी,
म्हारां हंस नजर नहीं आया।

हंसा नजर नहीं आया प्रेम गुरू,
अंत नजर नहीं आया,
हंसा नजर नहीं आया प्रेम गुरु,
अंत नजर नहीं आया,
चोंच पांख बिन काया गुरू जी,
म्हारां हंस नजर नहीं आया।


बिना पाँव एक हस्ती देखिया ने,
सूंड़ नज़र नहीं आया,
मच्छंदर जपी गौरख बोले,
आगम देख चलाया गुरूजी,
चोंच पांख बिन काया गुरू जी,
म्हारां हंस नजर नहीं आया।

हंसा नजर नहीं आया प्रेम गुरू,
अंत नजर नहीं आया,
हंसा नजर नहीं आया प्रेम गुरु,
अंत नजर नहीं आया,
चोंच पांख बिन काया गुरू जी,
म्हारां हंस नजर नहीं आया।

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