कलयुग बन ठन के आ गे, धर्म धरती में समा गे।
Tag: Kaya teri rel bana dungi
सखियों करो सोलह श्रृंगार,हरी हमें लेने आए है।
पंछीड़ा लाल आछि, पड़ियो रे उलटी पाटी।
भजन करो भरी जवानी में,बुढ़ापा किसने देखा से।
काया तेरी रेल बना दूंगी तब तेरो पिछो छोडूंगी
कलयुग बन ठन के आ गे, धर्म धरती में समा गे।
सखियों करो सोलह श्रृंगार,हरी हमें लेने आए है।
पंछीड़ा लाल आछि, पड़ियो रे उलटी पाटी।
भजन करो भरी जवानी में,बुढ़ापा किसने देखा से।
काया तेरी रेल बना दूंगी तब तेरो पिछो छोडूंगी