बुढिया तन्नैं भी होणा हे, हे सुण चमक चुंदड़ी आली।
Tag: Bhaje kyo na ram kyo sowe tu budhiya
हे जीके राम नाम का खटका,
वो नहीं जगत में भटक्या।।
कोयल वाणी बोल रे कागा,
मेरा मन राम से लागा,
राम भजन रा लावा लेलो,
हरि भजन रा लावा,
जग बितयो जाय लावा।।
म्हारी झुपड़िया आवो मारा राम,
भजे क्यों ना राम,क्यों सौवे तूं बुढ़िया।