दरबार तुम्हारा श्याम, दुनिया से निराला है,
कानूड़ा का दिल लूट ले गई गुजरी।
चामड़े री पुतली भजन कर ले,
मांग कर देख लो,
मन में जो खास है,
पड़या क्यों खटिया में। ओ भोले इंसान की जिंदगी दो दिन की।
मनै इब बैरा पाट्या,
जिसकी सुन ले सेठ सांवरा,
फिर क्या का घाटा।।
गौरा भांग घोट के प्यादे,
प्यासे भोले भंडारी,
बांसुरिया लेकर आजा घनश्याम कदम के नीचे।
बांके बिहारी मुझे देना सहारा,
कहीं छूट जाए ना दामन तुम्हारा॥
चीर के छाती बोले अपनी पवन पुत्र हनुमान,
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