आओ ए माजीसा म्हारे,
आंगने पधारो,
Tag: Ek chutki sindur mang bhari Jo
जब अटके तेरा कोई काम, तु जपले हनुमान का नाम, काम बने चुटकी में,
मोर छड़ी और नीले में जंग छिड़ी है भारी,
मांग कर देख लो,
मन में जो खास है,
रंग डाला सिंदूर से तन लाल है।
इक चुटकी सिन्दूर माँग भरी जो, मिल जाते मैया को मेरे श्री राम,