मनै इब बैरा पाट्या,
जिसकी सुन ले सेठ सांवरा,
फिर क्या का घाटा।।
कोए तनै कहे दयालु कोए लखदातार,
हारे का तु सदा सहारा देव बड़ा दिलदार,
देव मनै लाखा में छाट्या,
जिसकी सुन ले सेठ सांवरा,
फिर क्या का घाटा।।
अपनों का बनकर के सपना सदा निभावे साथ,
जो भी तेरे दर पे आवै जावै ना खाली हाथ,
नहीं तु किसै न नाट्या,
जिसकी सुन ले सेठ सांवरा,
फिर क्या का घाटा।।
इब के मेरे भी मन में सै आऊं फागण में,
रंग उड़ाऊं धूम मचाऊं तेरे आंगन में,
डटू ना मूल भी डाटा,
जिसकी सुन ले सेठ सांवरा,
फिर क्या का घाटा।।
मनै अपना समझे से तो मेरे घर आ जा,
में भी बैठा बांट देख रा खाटु के राजा।
करे ना दूर से टाटा,
जिसकी सुन ले सेठ सांवरा,
फिर क्या का घाटा।।
Categories
Mane en bera patya,jiski sun le seth sawra fir kya ka ghata,मनै इब बैरा पाट्या,जिसकी सुन ले सेठ सांवरा,फिर क्या का घाटा,shyam bhajan
मनै इब बैरा पाट्या,
जिसकी सुन ले सेठ सांवरा,
फिर क्या का घाटा।।