पिला दे हरि नाम की मस्ती,पीने वाले दाम ना
पूछे मंहगी हो या सस्ती
तेरे रंग में रंगा हर जमाना मिले,
मैं जहा भी रहु बरसाना मिले।
मैया ये जीवन हमारा, आप के चरणों में है,
संसार के लोगों से आशा ना किया करना,
बाजे रे मुरलिया बाजे।
जय बजरंगी राम के संगी,
दीनन पर उपकार करो।
मेरे उठे कलेजे पीड़ सखी, वृन्दावन जाउंगी।
बाबा मेरे श्याम मैं तुझपे कुर्बान,
जब संत मिलन हो जाए
तेरी वाणी हरी गुण गाए
कई दिनां सूं डिकता या,फागुन की रुत आई जी।
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