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राम भजन लिरिक्स

Kaikeyi tune lut liya,dashrath ke khajane ko,कैकई तूने लुट लिया,दशरथ के खजाने को,ram bhajan

कैकई तूने लुट लिया,
दशरथ के खजाने को,

तर्ज,मुझे पीने का शौक नहीं

कैकई तूने लुट लिया,
दशरथ के खजाने को,
तू तरस जाएगी रानी,
तू तरस जाएगी रानी,
मांग अपनी सजाने को,
कैकई तुने लुट लिया,
दशरथ के खजाने को।।

भाल तरसेगा बिंदिया को,
आँख तरसेगी कजरे को,
हाथ तरसेंगे कंगन को,
बाल तरसेंगे गजरे को,
तू तरस जाएगी रानी,
तू तरस जाएगी रानी,
सबसे मिलने मिलाने को,
कैकई तुने लुट लिया,
दशरथ के खजाने को।।

मार पाई ना तू मन को,
तूने जाना है धन जन को,
रघुकुल के जीवन को,
राम भेजे है वन को,
तूने रस्ता चुना रानी,
तूने रस्ता चुना रानी,
सीधे नरक में जाने को,
कैकई तुने लुट लिया,
दशरथ के खजाने को।।

राम प्राणों से प्यारे मेरे,
नैनो के है तारे मेरे,
तूने वर माँगा था मुझसे,
ये उम्मीद ना थी तुझसे,
रानी वन में ना तुम भेजो,
रानी वन में ना तुम भेजो,
रघुकुल के घराने को,
कैकई तुने लुट लिया,
दशरथ के खजाने को।।

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