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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Chali ja rahi hai umar dhire dhire,चली जा रही है उमर धीरे धीरे,nirgun bhajan

चली जा रही है उमर धीरे धीरे,

चली जा रही है उमर धीरे धीरे,
पल पल यूँ आठों पहर धीरे धीरे,
चली जा रही हैं उमर धीरे धीरे,
जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे,
मिल जाएगा वो सजन धीरे धीरे।।

बचपन भी जाए जवानी भी जाए,
बुढ़ापे का होगा असर धीरे धीरे,
चली जा रही हैं उमर धीरे धीरे।।

तेरे हाथ पावों में बल ना रहेगा,
झुकेगी तुम्हारी कमर धीरे धीरे,
चली जा रही हैं उमर धीरे धीरे।।

शिथिल अंग होंगे एक दिन तुम्हारे,
फिर मंद होगी नज़र धीरे धीरे,
चली जा रही हैं उमर धीरे धीरे।।

बुराई से मन को अपने हटाले,
सुधर जाए तेरा जीवन धीरे धीरे,
चली जा रही हैं उमर धीरे धीरे।।

चली जा रही है उमर धीरे धीरे,
पल पल यूँ आठों पहर धीरे धीरे,
चली जा रही हैं उमर धीरे धीरे,
जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे,
मिल जाएगा वो सजन धीरे धीरे।।

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