मै तो घर को ही मंदिर बनाउंगी, तीर्थ नही जाउंगी।
Tag: Dashrath ke rajkumar
हरि का भजन करो,हरि है तुम्हारा
सखी री मैं तो बगिया में देख आई राम,
सियारानी का अचल सुहाग रहे
दशरथ के राजकुमार,
वन में फिरते मारे मारे,
मै तो घर को ही मंदिर बनाउंगी, तीर्थ नही जाउंगी।
हरि का भजन करो,हरि है तुम्हारा
सखी री मैं तो बगिया में देख आई राम,
सियारानी का अचल सुहाग रहे
दशरथ के राजकुमार,
वन में फिरते मारे मारे,