छुप छुप आयो श्याम लेके ग्वाल बाल हैं,
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तेरी बंशी पे जाऊं बलिहार, रसिया मैं तो नाचूंगी तेरे दरबार रसिया।
चलो साथीड़ा आपा हरिगुण गावा,
हरी ने हिये न धारा रे ,
बाली उमरिया मोरी
कान्हा मोसे खेलो न होली
जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली
लेके शिव रूप आना गजब हो गया
तेरी मुरली पे जाऊं बलिहार रसिया, में तो नाचूंगी तेरे दरबार रसिया।
ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम
जब दुःख से मन घबरा जाये