तेरी बंशी पे जाऊं बलिहार, रसिया मैं तो नाचूंगी तेरे दरबार रसिया।
ओढ़ के आई मैं तो लाल चुनरिया, मटकी उठा के मैं तो बनी रे गुजरिया। करके आई मैं सोलह श्रृंगार रसिया। मैं तो नाचूंगी तेरे दरबार रसिया।
तेरी बंशी पे जाऊं बलिहार, रसिया मैं तो नाचूंगी तेरे दरबार रसिया।
तेरे पीछे पीछे मै तो आई हूं अकेली। बड़े गोप की मै नई नवेली। मैं तो करने को आई मनुहार रसिया। मैं तो नाचूंगी तेरे दरबार रसिया।
तेरी बंशी पे जाऊं बलिहार, रसिया मैं तो नाचूंगी तेरे दरबार रसिया।
जब से लगी मोह तेरी लगनवां। भूल गई मैं तो घर आंगनवा।
छोड़ आई मैं सारा संसार रसिया। मैं तो नाचूंगी तेरे दरबार रसिया।
तेरी बंशी पे जाऊं बलिहार, रसिया मैं तो नाचूंगी तेरे दरबार रसिया।