ऐसा बना दे मुझे श्याम दीवाना,
बन के दीवाना गाऊं प्रेम तराना,
जिनके नाम के सुमिरन से ही बन जाता हर काम,
मैं के बोलूं बालाजी,
तने सब बातां का बेरा से,
मन बस गयो नन्द किशोर,
अब जाना नहीं कही और,
भक्ति कर लेना ईश्वर की बंदे हंस हंस के,
जल बरसे बिजुरिया चमके, चमके मोरे राम॥
रखा है धनुष रघुवर का उठा लो जिसका दिल चाहे।
कोई पीवे है राम रस प्याला, कोई पीवे हरि रस प्याला।
जाने किस-किस को नाच नचा गई रे, माया की चिरैया।
प्रथम पूज्य है सब देवो में,
जाने दुनिया सारी।
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