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श्याम भजन लिरिक्स

Me roj niharu jhaki khatu wale datar ki,मैं रोज निहारूँ झांकी,खाटू वाले दातार की,shyam bhajan

मैं रोज निहारूँ झांकी,
खाटू वाले दातार की,

मैं रोज निहारूँ झांकी,
खाटू वाले दातार की,
तीन बाण और लीला घोड़ा,
क्या बात है सरकार की,
मैं रोज निहारूँ झांकी,
खाटू वाले दातार की।।

शीश पे मुकुट है प्यारा प्यारा,
गल वैजन्ती माला,
सांवरी सूरत रूप सजीला,
जग से लगता निराला,
सारे जग से शान निराली,
कलयुग के अवतार की,
मै रोज निहारूं झांकी,
खाटू वाले दातार की।।

मुख मंडल पे तेज के जैसे,
चमके लाखों सूरज,
श्याम प्रभु है प्यारा प्यारा,
मन मोहनी है मूरत,
दसो दिशाएं करे आरती,
श्याम के दरबार की,
मै रोज निहारूं झांकी,
खाटू वाले दातार की।।

बड़ी निराली खाटू नगरी,
क्या करे कोई वर्णन,
श्याम शरण में आकर देखो,
गद गद हो जाए तन मन,
आठों पहर श्याम के दर पे,
बरसे बरखा प्यार की,
मै रोज निहारूं झांकी,
खाटू वाले दातार की।।

सच्चे मन से श्याम प्रभु की,
मुख से जय जय बोलो,
जन्म सफल फिर तो तुम करलो,
पाप कुलों के धो लो,
भव से तर जाएगा ‘लख्खा’,
शरण ले लखदातार की,
मै रोज निहारूं झांकी,
खाटू वाले दातार की।।

मैं रोज निहारूँ झांकी,
खाटू वाले दातार की,
तीन बाण और लीला घोड़ा,
क्या बात है सरकार की,
मैं रोज निहारूँ झांकी,
खाटू वाले दातार की।।

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