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विविध भजन

Nile ghode ra aswar mhara mewadi sardar,नीले घोड़े रा असवार,म्हारा मेवाड़ी सरदार,राणा सुणता ही जाजो जी,

नीले घोड़े रा असवार,
म्हारा मेवाड़ी सरदार,
राणा सुणता ही जाजो जी,

नीले घोड़े रा असवार,
म्हारा मेवाड़ी सरदार,
राणा सुणता ही जाजो जी,
मेवाड़ी राणा सुणता ही जाजो जी ।

राणा थारी डकार सुणने,
अकबर धूज्यो जाय,
हल्दीघाटी रंगी खून सु,
नालो बहतो जाय ।
चाली मेवाड़ी तलवार,
बह गया खूणा रा खंगाल,
राणा सुणता ही जाजो जी,
मेवाड़ी राणा सुणता ही जाजो जी ।

चेतक चढ़ गयो हाथी पर,
और मानसिंह घबराए,
भालो फेंक्यो महाराणा जद,
ओहदो टुट्यो जाय ।
रण में घमासान मचवाय,
बैरी रणसू भाग्या जाय,
राणा सुणता ही जाजो जी,
मेवाड़ी राणा सुणता ही जाजो जी ।

झालो गयो सुरगा रे माही,
पातल लोह लवाय,
चेतक तन स्यूं बहे पनालो,
करतब बरण्यो ना जाय ।
म्हाने जीवा सु नही प्यार,
म्हाने मरणो है एक बार,
राणा सुणता ही जाजो जी,
मेवाड़ी राणा सुणता ही जाजो जी ।

शक्तिसिंह री गर्दन झुक गई,
पड्यो पगा में आय,
प्यार झूम ग्यो गले लूम ग्यो,
वचन ना मुण्डे आय ।
दोन्यू आंसुड़ा ढलकाए,
वा री बाहाँ कोण छुड़वाए,
राणा सुणता ही जाजो जी,
मेवाड़ी राणा सुणता ही जाजो जी ।

नीले घोड़े रा असवार,
म्हारा मेवाड़ी सरदार,
राणा सुणता ही जाजो जी,
मेवाड़ी राणा सुणता ही जाजो जी ।

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