थारी मोह माया ने छोड़ ,
राम ने भज रे ।
Tag: Bhajan Karo bhari jawani me
चामड़े री पुतली भजन कर ले,
ले गयाे ले गयाे ले गयाे री, अरे
मेरी भरी भराई वो तो ले गयोे री
भजो मन राम सिया,जपो मन राम सिया,हरी ने जनम लिया
नाटै मत घड़ा उठा दे दिखे हो मैंने पल-पल हो रहा भारी।
मैं कैसे ब्याहूँ राधा, कन्हैया तेरो कारो,
बड़े जन्मों के बाद चोला पाया, नी देखी कित्ते दाग ना लगे।
कलयुग बन ठन के आ गे, धर्म धरती में समा गे।
सखियों करो सोलह श्रृंगार,हरी हमें लेने आए है।
पंछीड़ा लाल आछि, पड़ियो रे उलटी पाटी।
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