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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Panchida lal achi padiyo re ulti pati,पंछीड़ा लाल आछि, पड़ियो रे उलटी पाटी,nirgun bhajan

पंछीड़ा लाल आछि, पड़ियो रे उलटी पाटी।

पंछीड़ा लाल आछि, पड़ियो रे उलटी पाटी।
माया रा लोभी आछि , क्यू पड़ियो उलटी पाटी।
ईश्वर ने तू तो भूल गयो , थारे लख चौरासी काटी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
पंछीड़ा लाल आछि, पड़ियो रे उलटी पाटी।

चौरस मास गरभ में जुल्यो,जुल्यो उल्टी खाटी।
अब तो थारो आयो बुढ़ापो-2, लीन्ही हाथ में लाठी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
पंछीड़ा लाल आछि, पड़ियो रे उलटी पाटी ।

दूध बेचियो दही बेचियो , बेची छाछ खाटी।
माया जोड़ खाड़े में धर दी -2 , ऊपर लगा दी टांकी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
पंछीड़ा लाल आछि , पड़ियो रे उलटी पाटी ।

जीव जंतु ने खाय खाय ने,बदन बणायो माटी।
अपने स्वारथ कारणे -2 लाखों री गरदन काटी।
पंछीड़ा लाल आछि , पड़ियो रे उलटी पाटी ।

आया गया मेहमानो ने , गाले चूरमो बाटी।
भूखा प्यासा साधु आवे-2 , गाले राबड़ी खाटी।
पंछीड़ा लाल आछि , पड़ियो रे उलटी पाटी ।

कहत कबीर सुणो भाई साधो, मत करो करणी माटी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
एक दिन थाने जाणो पड़सी -2 , यमराज री घाटी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
पंछीड़ा लाल आछि , पड़ियो रे उलटी पाटी।
माया रा लोभी आछि , क्यू पड़ियो उलटी पाटी।
ईश्वर ने तू तो भूल गयो , थारे लख चौरासी काटी।
पंछीड़ा लाल आछि, पड़ियो रे उलटी पाटी।

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