बड़े जन्मों के बाद चोला पाया, नी देखी कित्ते दाग ना लगे।
Tag: Panchida lal achi padiyo re ulti pati
कलयुग बन ठन के आ गे, धर्म धरती में समा गे।
सखियों करो सोलह श्रृंगार,हरी हमें लेने आए है।
पंछीड़ा लाल आछि, पड़ियो रे उलटी पाटी।
बड़े जन्मों के बाद चोला पाया, नी देखी कित्ते दाग ना लगे।
कलयुग बन ठन के आ गे, धर्म धरती में समा गे।
सखियों करो सोलह श्रृंगार,हरी हमें लेने आए है।
पंछीड़ा लाल आछि, पड़ियो रे उलटी पाटी।