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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Thari moh maya ne chod ram ne bhaj re,थारी मोह माया ने छोड़ ,राम ने भज रे,nirgun Bhajan

थारी मोह माया ने छोड़ ,
राम ने भज रे ।

थारी मोह माया ने छोड़ ,
राम ने भज रे ।
थारी उमर बिती जाय ,
राम ने भज रे॥

थारी उगमग चाले नांव ,
चोला ने लज रे ।
तेरे सिर पर घूमे काल ,
अगाड़ी सज रे ॥
थारी मोह माया ने छोड़ ,
राम ने भज रे ।
थारी उमर बिती जाय ,
राम ने भज रे॥

थारे गोड़ा दियो जबाब ,
कमर गई लूल रे।
तेरी आख्यां सूं दिखे नाय ,
कान गया रुज रे ॥
थारी मोह माया ने छोड़ ,
राम ने भज रे ।
थारी उमर बिती जाय ,
राम ने भज रे॥

थारी परणी छोड़यो प्यार ,
कदर नही कर रे।
तेरा बेटा बोले बोल ,
मरेलो कद रे ॥
थारी मोह माया ने छोड़ ,
राम ने भज रे ।
थारी उमर बिती जाय ,
राम ने भज रे॥

कह गया दास कबीर ,
गुदड़ा लद रे ॥
थारो लेखो ले सी राम ,
मरेलो जद रे ॥
थारी मोह माया ने छोड़ ,
राम ने भज रे ।
थारी उमर बिती जाय ,
राम ने भज रे॥

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