मैं कैसे ब्याहूँ राधा, कन्हैया तेरो कारो,
कन्हैया तेरो कारो, नन्दलाला तेरो कारो.
मैं कैसे ब्याहूँ राधा, कन्हैया तेरो कारो।
तू क्यों ना ब्याहै राधा, कन्हैया मेरो बारो,
कन्हैया मेरो बारो, नन्दलाला मेरो बारो।
तू क्यों ना ब्याहै राधा, कन्हैया मेरो बारो।
तेरो कन्हैया ऐसो कारो, जैसे निसि अँधियारी,
अरी मेरी राधा गोरी, जैसे चन्दा की उजियारी।
मैं कैसे ब्याहूँ राधा, कन्हैया तेरो कारो।
कारो कारो मत कह ग्वालिन, मेरी आँख को तारो,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
इन गोपिन की नजर लगी है, है गयो रंग साँवरो।तू क्यों ना ब्याहै राधा, कन्हैया मेरो बारो।
कारो कारो मत कह ग्वालिन, कारो जग उजियारो,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
अरी नाग नाथ रेती में डारो, है गयो रंग साँवरो।
तू क्यों ना ब्याहै राधा, कन्हैया मेरो बारो।
अरी येऊ कारो याके संग के कारे, ये तो ओढ़े कम्बल कारो,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
लूट लूट दधि माखन खावै, कैसे होएगो मेरी राधे को गुजारो।अरी मैं कैसे ब्याहूँ राधा, कन्हैया तेरो कारो।
चंद्रसखी भज बाल कृष्ण छवि, संतन को ये अधारो,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
अरी अपनी राधा घर में रख लै, जीवै कान्ह हमारो कुँवारो।
मती ना अपनी ब्याह्वै राधा
चंद्रसखी भज बाल कृष्ण छवि, संतन को रखवारो,
अरी राधा जैसी दसियों गोरी, या कारे पे वारो।
मती ना अपनी ब्याह्वै राधा।