या विध गोविन्द भोग लगायो
भगत बछल हरि नाम कहायो।
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आज तो राधे रानी ने श्याम लेबा आया जी
राधे रानी राधे रानी बोलो ना,
राज है क्या ये खोलो ना,
आछी पाई ओ गुरूसा,
म्हाने ज्ञान गुटकी,
दो दो ना धरियो गगरिया राधे रानी, लग जेह तुमको नजरिया।
बिगड़ी बनाने वाली,
कष्ट मिटाने वाली,
दुनिया में जगदंबे माँ,
सुख थोड़े दुःख घणे जगत मँ, भोग्यां कष्ट सरै राणी।