कान्हा कान्हा रटे ग्वालनी,
राधे का ना ध्यान करे,
Tag: Dekha ajab najara darwar me kanhaiya
तूं बणया दूज का चांद बाबा नजर कदै ना लागे।
तेरे रूप के सिवा ना कुछ आये नज़र,
नजरिया मत मारे, मर जाऊंगी रे।
भोला बाबा को लाग्यो दरबार,
रस की बूँदा पडे,
चलावे तीर नज़र दे, जिगर तो पार हो जावे,
देखा अजब नजारा दरबार मैं कन्हैया,