भोर भई चिड़िया चैंचायी, कान्हा कलेवा मांगे राम। हम तो कान्हा भजन करत है, राधा कलेवा देगी राम।
दूध रावड़ी और महेरी राधा कलेवा लाई राम। रोवत ठिंकत मैया ढिंग आए, कान्हा कलेवा दिखाए राम।
तुम तो राधा भोली भाली जानू ना कलेवा की रीति राम। माखन मिश्री और मलाई मैया कलेवा लाई राम।
यह देखो राधा मेरा कलेवा मैया कलेवा लाई राम।या कलेवा को नीत उठ गावे, अन धन लक्ष्मी पावे राम।क्वारी गावे घर वर पावे, परनी पुत्र खिलावे राम।
बुढ़िया गावे राम लडावे बैकुंठ वासों पावे राम। बैकुंठ वासो सदा निवासो, जो ध्यावे वह पावे राम।
भोर भई चिड़िया चैंचायी, कान्हा कलेवा मांगे राम। हम तो कान्हा भजन करत है, राधा कलेवा देगी राम।