रसिया का वेष बनाया , श्याम होली खेलने आया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
ग्वालों को संग में लाया , श्याम होली खेलने आया ।
सखाओं की टोली , बोले होरी होरी।
चहुँ ओर ही आनन्द छाया । ।🌺🌺🌺🌺🌺
श्याम होली खेलने आया।रसिया का वेष बनाया , श्याम होली खेलने आया।
अबीर झोली भरा ,रंग लाल-हरा।
भरि भरि के मुठ्ठी उड़ाया । ।🌺🌺🌺🌺🌺
श्याम होली खेलने आया।रसिया का वेष बनाया , श्याम होली खेलने आया।
बरसाने की गैल , होली खेले श्याम छैल।
हुरदंगा खूब मचाया । ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
श्याम होली खेलने आया।रसिया का वेष बनाया , श्याम होली खेलने आया।
ललिता दौड़ी – दौड़ी आई , होरी खेले कृष्ण कन्हाई।आके राधा को बताया । ।🌺🌺🌺🌺
श्याम होली खेलने आया।रसिया का वेष बनाया , श्याम होली खेलने आया।
ले सखियों को संग , घोर कलशन में रंग।
पिचकारिन रंग बरसाया । ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
श्याम होली खेलने आया।रसिया का वेष बनाया , श्याम होली खेलने आया।
खेलो होरी श्यामा-श्यामा , संग ग्वाल और ब्रजधामा।ब्रज ग्वालिन मन हरषाया । ।🌺🌺
श्याम होली खेलने आया।रसिया का वेष बनाया , श्याम होली खेलने आया।
बड़ौ होरी को चाव , पायो कान्हा ने दाँव।
मुख नारी रूप बनाया,श्याम होली खेलने आया।रसिया का वेष बनाया , श्याम होली खेलने आया।
कीन्ही पल की न देर , लिया कान्हा की घेर।
नर से नारी रूप बनाया । ।🌺🌺🌺🌺🌺
श्याम होली खेलने आया।रसिया का वेष बनाया , श्याम होली खेलने आया।
रंगीली होरी मची , मधुर बंशी बजी।
कान्हा का दर्शन पाया । ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
श्याम होली खेलने आया।रसिया का वेष बनाया , श्याम होली खेलने आया।
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रसिया का वेष बनाया , श्याम होली खेलने आया