रसिया का वेष बनाया , श्याम होली खेलने आया
Tag: Rasiya ko naar banao ri rasiya ko
बोहनी हुई ना, माखन देऊं कैसे।होवेगा जूठा,चखन देऊं कैसे
नन्द जी के आंगन में, बज रही आज बधाई।
मेरे मोहन तू मुरली बजा दे।नहीं बजती तो मुझको थमा दे।
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
रसिया को नार बनाओ री रसिया को।