मीरा के जैसे सुदामा के जैसे पार उतारी। लाज रखो हे कृष्ण मुरारी।
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रसिया का वेष बनाया , श्याम होली खेलने आया
भोर भई चिड़िया चैंचायी, कान्हा कलेवा मांगे राम
दिल की हर धड़कन से,तेरा नाम निकलता हैं।
तेरा दीवाना हुआ बनवारी, सुन तुलसा प्यारी महारानी।