श्याम मुरली तो बजाने आओ,
रूठी राधा को मनाने आओ ।
Tag: Baja de dholak tu dholakiya
थारी कांई छै मनस्या, कांई छै विचार,
सुणियो जी म्हारा लखदातार।
बरसाने की गली गली में, बाजत आज बधाई।
बजने दो भाई बजने दो, मेरी मैया का ढोलक बजने दो।
जय बजरंगी राम के संगी,
दीनन पर उपकार करो।
बैकुंठ में रहकर गिरधारी,मुरली का बजाना भूल गए
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया ।
बज गए ढोल नगाड़े,होय क्या बात हो गई।
माजीसा घूमर गालो तो राणो ढोल बजावे
हम गाएंगे बजाकर ढोल,मैया के जगराते में।
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