हे नारायण हे गोपाल, केशव माधव दीनदयाल।
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तुलसा घूम रही ब्रज धाम, जाने कहां मिलेंगे श्याम।
आओ तुलसा मैया, बिराजो मेरे घर अंगना।
तुलसा गली चौबारे मत जाओ,कोई नर जल, दे देगा।
झुक जाइयो तनिक शालिग्राम,तुलसा मेरी छोटी सी।
आंगन में तुलसी लगाना हमारी सखी।
सुन तुलसा महारानी,दीवाना तेरा बनवारी।
नी में अंगना में तुलसी लगाए रखती।
रूठ गए विष्णु तुलसा बिना
तुलसा मैया लहरिया ले,कन्हैया जी के मन में बसी।
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