मैं शरण तेरी जो आया, चरणों में शीश झुकाया,
Tag: Fir tere darwar pe ma sar ko jhukane aa gayi
मैं नाचूं गाऊंगी सांवरिया दरबार में।
क्या खूब है आज सजाया,
मिलकर दरबार लगाया,
हम शरण तेरी आये है,
झुकाने को ये सर।।
कान्हा ले गया मेरी मथनियां के दहिया कैसे बिलोऊ राम,
मने नौकर रख ले मां अपने दरबार में
मुझे ले चल लांगुरिया,मैया के जगराते में
सबको देती है मईया, अपने ख़ज़ाने से।
रात बलम मोहे सपना आया। हो रही जय जयकार
अपने ही रंग में रंग डाली चुनरिया तेरी।
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