तर्ज, इन्हीं लोगों ने
अपने ही रंग में,अपने ही रंग में,अपने ही रंग में रंग डाली चुनरिया तेरी।
हमरी ना मानो तो ब्रह्माजी से पूछो।ब्रह्माजी से पूछो,ब्रह्माजी से पूछो।🌺🌺🌺🌺🌺जिसने सृष्टि ही छाप डाली,चुनरिया तेरी।अपने ही रंग में,अपने ही रंग में,अपने ही रंग में रंग डाली चुनरिया तेरी।
हमरी ना मानो तो विष्णु जी से पूछो।विष्णु जी से पूछो,विष्णु जी से पूछो।🌺🌺🌺जिसने चक्कर छपी डाले,चुनरिया तेरी।अपने ही रंग में,अपने ही रंग में,अपने ही रंग में रंग डाली चुनरिया तेरी।
हमरी ना मानो तो शिवजी से पूछो।शिवजी से पूछो,शिवजी से पूछो।🌺🌺🌺🌺🌺जिसने चंदा बना डाला,चुनरिया तेरी।🌺अपने ही रंग में,अपने ही रंग में,अपने ही रंग में रंग डाली चुनरिया तेरी।
हमरी ना मानो तो रामजी से पूछो।रामजी से पूछो,रामजी से पूछो।🌺🌺🌺🌺🌺🌺जिसने मर्यादा रंग में रंगदी,चुनरिया तेरी।अपने ही रंग में,अपने ही रंग में,अपने ही रंग में रंग डाली चुनरिया तेरी।
हमरी ना मानो तो,कृष्ण जी से पूछो।कृष्ण जी से पूछो,कृष्ण जी से पूछो।🌺🌺🌺🌺जिसने राधा को दिखा डाली,चुनरिया तेरी।अपने ही रंग में,अपने ही रंग में,अपने ही रंग में रंग डाली चुनरिया तेरी।
हमरी ना मानो तो सखियां से पूछो।सखियां से पूछो,सखियां से पूछो।🌺🌺🌺🌺🌺जिसने लाल कर डाली,चुनरिया तेरी।🌺🌺अपने ही रंग में,अपने ही रंग में,अपने ही रंग में रंग डाली चुनरिया तेरी।