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durga bhajan lyrics दुर्गा भजन लिरिक्स

Sabko deti hai maiya,apne khajane se,सबको देती है मईया, अपने ख़ज़ाने से,durga bhajan

सबको देती है मईया, अपने ख़ज़ाने से।

सबको देती है मईया, अपने ख़ज़ाने से।
किसी को किसी बहाने से,किसी को किसी बहाने से।

डूब रही बनिए की नईया,रो रो मात पुकारे।
धन दौलत परिवार भवानी,सब हैं तेरे सहारे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
बनिए की नईया को दाती, पल में पार लगाया।पहुँच किनारे बनिए ने फिर, यह जैकारा लगाया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
शेरांवाली माता तेरी सदा ही जय।
ज्योतांवाली माता तेरी सदा ही जय।
मुक्ति मिल जाती है दर पे, शीश झुकाने से।
किसी को किसी बहाने से,किसी को किसी बहाने से।

भरी सभा में बोले अकबर,सुनो हे भक्त ध्यानू।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
इस घोड़े को जिन्दा कर दो,तब मैं माँ को मानू।सुन पुकार ध्यानू की माँ ने, जिन्दा कर दिया घोडा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
हाथ जोड़कर भक्त ने फिर, माँ का जैकारा छोड़ा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
सब कुछ मिल जाता है माँ संग, लो लगाने से।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
सबको देती है मईया, अपने ख़ज़ाने से।
किसी को किसी बहाने से,किसी को किसी बहाने से।

सुन पुकार नरसी की भगवन, दौड़े दौड़े आये।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
देख के हालत दीन हीन की,प्रभु भी थे घबराए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
हुण्डी तारी भक्त की भगवन, ऐसी कला रचाई।नरसी भक्त के मन से फिर, आवाज यही थी आई।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
पूछना है तो पुछलो तुम, इस भक्त दीवाने से।सबको देती है मईया, अपने ख़ज़ाने से।
किसी को किसी बहाने से,किसी को किसी बहाने से।


सबको देती है मईया, अपने ख़ज़ाने से।
किसी को किसी बहाने से,किसी को किसी बहाने से।

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