घर घर में तुलसा सजी खड़ी, घनश्याम ढूंढ रहे गली गली।
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म्हारी कुल री देवी मां,बेटा थारा लाड़ करे
सबको देती है मईया, अपने ख़ज़ाने से।
रात बलम मोहे सपना आया। हो रही जय जयकार
अपने ही रंग में रंग डाली चुनरिया तेरी।
मैया कैसी मनोहर गलियां सजी।
श्री श्याम राधे, श्री श्याम राधे, मुरली मनोहर श्री श्याम राधे